Posts

Showing posts from April, 2018

भ्रष्टाचार

Image
भ्रष्टाचार क्या है? उपयुक्त आचरण से भ्रष्ट हो जाना अर्थात पतित हो जाना अर्थात नीचे गिर जाना भ्रष्टाचार है। जैसे कि, चोरी, बेईमानी, घूसखोरी, भेदभाव, जातिवाद, सम्प्रदायिकता, घृणा, तुच्छ स्वार्थ, इत्यादि। भ्रष्टाचार क्यों है? मानवीय चेतना का अधःपतन अर्थात सोच का नीचे गिर जाना ही भ्रष्टाचार का कारण है। इसीलिए आम भाषा में भ्रष्ट आदमी को गिरा हुआ कहा जाता है। भ्रष्टाचार को कैसे दूर किया जा सकता है? मानवीय चेतना के पुनरुत्थान के लिए प्रबल गुरूत्व की आवश्यकता है। सूक्ष्मातिसूक्ष्म परम चैतन्यात्मा शिव से अधिक गुरूत्व किसमें हो सकता है? आवश्यकता है तो बस व्यष्टिगत चेतना को परम चेतना से जोड़ने की। एक ही विकल्प है, "भगवान शिव को 'अपना' गुरु बनाया जाय"... 3 सूत्रों की सहायता से: 1. दया मांगना: हे शिव आप मेरे गुरु हैं, मैं आपका शिष्य हूँ, मुझ शिष्य पर दया कर दीजिये (मन ही मन) 2. चर्चा करना: दूसरों को भी यह सन्देश देना कि, शिव मेरे गुरु हैं, आपके भी हो सकते हैं 3. नमन करना: अपने गुरु को प्रणाम निवेदित करने की कोशीश करना। चाहें तो नमः शिवाय का प्रयोग कर सकते हैं (मन ही मन: साँस लेते